इस आइडिया के पीछे 16 साल के सबसे छोटे नॉवेलिस्ट ऋषि राज सेन का भी दिमाग है। उनका कहना है कि वो लोग आश्वस्त नहीं थे कि ये आइडिया काम करेगा या नहीं। पर नतीजा सबके सामने है। ये कोई व्यापार नहीं है, ये महज एक कोशिश है कि लोग बिना एक पैसा खर्च किये मनचाही किताबों को पढ़ सकें। इन लोगों से पूछने पर कि क्या बस स्टॉप को लाइब्रेरी बनाना लीगल है, तो उनका जवाब था कि हमने तो बस एक कोशिश की थी, किसी ने अब तक कोई ऑब्जेक्शन नहीं दिखाया।