दरअसल 20 साल पहले रिटायर हो चुकी साथी बाई जहां रहती हैं वहां न बिजली है और न ही उसके घर में कोई टीवी, अख़बार या फ़ोन जैसी चीज़। वो घर में अकेली रहती है और बाहर भी कभी-कभी अपनी पेंशन लेने जाती है। इस बैंक में उसका अकाउंट है, उसी में उसकी पेंशन अपने आप आ जाती है और वहीं से वो ज़रूरत के हिसाब से पैसे लेने जाती है। लेकिन जब साथी को नोटबैन के बारे में पता चला, वो अगले ही दिन बैंक पहुंची।

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