झा ने पूछा कि क्या कोई डॉक्टर है वहां। इस पर साधू ने इस अंदाज में उसे समझाया कि दिल्ली में रेल से उतरने के दूसरे ही दिन बासुकीनाथ जाने के लिए सुल्तानपुर की ट्रेन उन्होंने पकड़ ली। बकौल, दीनबंधु मंदिर पहुंचने के बाद बाबा का दर्शन कर वहीं मंदिर परिसर में थोड़ी देर की नींद लगी तो सपने में बाबा भोलेनाथ आए और कहा कि तुम मुझे भजन सुनाओ, दुरुस्त हो जाओगे।
मंदिर में सुबह शाम भजन सुनाने और दिन में मंदिर की साफ-सफाई करने लगे। छह महीने में ठीक होने के बाद वापस जाना चाहा। फिर सपने में बाबा आए और रोक लिया। तब से यानि छह साल से बाबा की हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं।