हम किसी बैंक पर आरोप नहीं लगा सकते हैं लेकिन इस मामले को कुछ प्राइवेट बैंक अपने स्तर पर सुलझाने की कोशिश कर रहे थे। और यह ब्रैंड का नाम बचाने की कोशिश थी। लेकिन जब एक सरकारी बैंक का डेटा इन ख़राब एटीएम के चलते चोरी हुआ तो फिर मामला आरबीआई तक पहुंच गया।