उनके अनुसार, ग्राहकों के डेबिट कार्ड की यह चोरी एक ख़ास पेंमेंट सर्विस (एटीएम की कार्यप्रणाली) उपलब्ध करवाने वाली कंपनी हिताची पेमेंट सर्विसेज़ के साफ़्टवेयर में लगी सेंध से शुरू हुई। हिताची पेमेंट की सर्विस सिर्फ़ कुछ ही बैंक ले रहे थे और इन बैंको के लगभग 90 एटीएम में चल रहे हिताची के सॉफ़्टवेयर को अज्ञात साइबर अपराधियों ने हैक कर लिया है। जाँच अधिकारी के मुताबिक पिन नंबर बहुत ही संवेदनशील जानकारी है लेकिन सिर्फ़ पिन नंबर जान लेने से भी आपका पैसा आसानी से चोरी नहीं हो सकता।
आजकल किसी भी ऑनलाईन ट्रांज़ैक्शन के लिए पिन के साथ आपको मोबाइल पर भेजा गया वन टाईम पासवर्ड भी देना होता है। ओटीपी के चलते लगभग ढेरों कार्ड्स की जानकारी चोरी हो जाने के बाद भी सिर्फ़ कुछ ही लोग धोखाधड़ी का शिकार हो पाए।