इस खास मंदिर में आम नागरिक ही जा सकते हैं। भ्रष्ट, अधिकारियों, मंत्रियों और नेताओं का प्रवेश यहां वर्जित है। ये भी प्रावधान है कि आने वाले 20 वर्षों में अगर हालात सुधरे, तो इस वर्जित वर्ग को भी प्रवेश दिया जाएगा। अनोखी बात ये है कि इस मंदिर में शानिदेव के ऊपर तेल चढ़ाना, प्रसाद चढ़ाना और घंटी बजाना मना है। पर लोग लौंग, इलाइची और काली मिर्च के साथ मिट्टी के दिये जला सकते हैं। शराबियों का यहां प्रवेश, तम्बाकू और खैनी खाना, थूकना इस मंदिर में घृणित काम की श्रेणी में रखे गये हैं।