आपको बता दें कि मंदिर के निर्माण के बाद इसका लोकार्पण भी किसी बड़े आदमी ने नहीं, बल्कि पवन राणे बाल्मीकि नाम के एक निशक्त व्यक्ति ने किया था। इस मंदिर में मूर्तियों को भी किसी लॉजिक के साथ लगाया गया है। शनिदेव की तीन मूर्तियों और ब्रह्मा जी की मूर्ति को ऐसे रखा गया है कि ब्रह्मा जी शनिदेव को देख रहे हैं। साथ ही मंदिर में एक मूर्ति हनुमान जी की भी लगाई गई है। भगवान की मूर्तियों के अलावा मंदिर में अधिकारियों, मंत्रियों, नेताओं और इलाहाबाद न्यायालय के न्यायाधीशों की तस्वीरें भी लगाई गई हैं। ये तस्वीरें इस तरह से लगाई गई हैं कि देखने वालों को ऐसा प्रतीत होता है कि शनिदेव की सीधी नज़र इन पर है। इसका मकसद ये है कि ऐसे अधिकारी जनता विरोधी फ़ैसले लेने से पहले शानिदेव के गुस्से का शिकार होने से डरें।

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