यह पूरी तरह से शुद्ध देसी जींस है । खादी संघ डेनिम रॉ मटीरियल की मैन्युफैक्चरिंग करते हैं । इसके बाद सिलाई से पहले कई बार इसकी धुलाई की जाती है । इसका लोगो प्रिंट करने के लिए भी खादी का इस्तेमाल किया गया है न कि लेदर का । नैचरल डाई से इसे खादी पर प्रिंट किया गया है । पैकेजिंग में भी स्वदेशी का ध्यान रखा गया है । इसकी सिलाई आंध्र प्रदेश के एक गांव की महिलाओं ने की है । इससे उन महिलाओं को भी आजीविका का साधन मिल गया है । देसीट्युड की सामाजिक प्रतिबद्धता यहीं पर समाप्त नहीं हो जाती है बल्कि हर बिकने वाली जींस के बदले वे एक पेड़ लगाते हैं ।
देश के प्रति उनके प्यार इतना है कि वह सारे ऑर्डर भारतीय डाक के माध्यम से ही भेजते हैं । हालांकि प्राइवेट कूरियर्स ने उनको सस्ती सर्विस का ऑफर दिया, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया । सिद्धार्थ बताते हैं कि लॉन्च के बाद से ही लोग इसमें काफी दिलचस्पी ले रहे हैं । हालांकि शुरुआत में लोगों को इसकी क्वॉलिटी को लेकर संदेह था, लेकिन अब पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है । वह यह भी स्वीकार करते हैं कि इन जींसों की कीमत ज्यादा है, फिर भी लोग इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं । एक जींस की कीमत करीब 3,500 रुपये हैं । इसका कारण इसमें इस्तेमाल होने वाले सामान और विशेष डेनिम का प्रॉडक्शन प्रोसेस है ।