ये माफिया इस काम में नाबालिक बच्चों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। हैरानी वाली बात तो ये है कि ये गोरखधंधा किसी दबे-कुचले इलाके में नहीं बल्कि राजधानी दिल्ली और उससे सटे स्टेशनों पर धड़ल्ले से चल रहा है। हमारी तहकीकात में इस बात का भी खुलासा हुआ कि इस जालसाजी को अंजाम देने वाले माफियाओं के तार उत्तर रेलवे के कर्मचारी और जी॰आर॰पी॰ के लोगों से भी जुड़े हैं।
इन सबकी मिलीभगत से कैसे रेल में सफर करने वाले मुसाफिरों को ठगा जा रहा है। इस बारे में कोबरापोस्ट और इंडिया न्यूज़ की टीम ने बड़ी तहकीकात की है। सच्चाई का पता लगाने के लिए हमारी टीम के दिल्ली और एनसीआर के कई रेलवे स्टेशनों का दौरा किया और यहां अवैध सामान बेचने वाले कई माफियाओं से मुलाकात भी की। ये वहीं लोग हैं जो रेलवे स्टेशन पर खाने का सामान और पेय पदार्थ विक्रेताओं यानी वैंडर का गिरोह चलाते हैं।