प्रयाग में तीर्थ पुरोहितों की संख्या 50 हजार के लगभग है। इन्हें 112 तख्त-निशान आवंटित हैं। एक तख्त और निशान में सौ से पांच सौ लोगों का परिवार संचालित होता है। वह अलग-अलग घाटों में बैठकर साल भर गऊदान, पिंडदान, वेणीदान के साथ ही स्नानार्थियों से घाट पर पूजा कराते हैं। माघ मेला में इनकी कमाई का दायरा काफी बढ़ जाता है क्योंकि कल्पवासियों का सारा धार्मिक कृत्य तीर्थ पुरोहित ही कराते हैं।

तीर्थपुरोहितों को दक्षिणा के लाले पड़ गए थे। इसकी काट निकालते हुए तीर्थ पुरोहितों ने स्वाइप मशीन से दक्षिणा लेना शुरू कर दिया है। यह बात दीगर है कि जो दक्षिणा पहले उनकी जेब में आती थी वह अब उनके बैंक खाते में जाएगा।

 

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