वैसे तो हम हर किसी दूसरे व्यक्ति से सुनते रहते है सेक्स-सेक्स और दूसरा हर कोई इसे करना भी चाहता है। लेकिन वास्तव में किसी को भी सेक्स के बारे के बारे में नही पता होता है कि वास्तव में ये सेक्स नाम कि चीज है क्या ? तो आइए आज हम आप को बताते है आखिर सेक्स है क्या? सेक्स का कोई शाब्दिक अर्थ नहीं है, सेक्स का आशय सिर्फ जननेद्रियों से पूर्णतः संबंधित नहीं है। सेक्स को महसूस किया जा सकता है पर परिभाषित नहीं किया जा सकता।
आप को बता दे कि वास्तव में सेक्स चंचलता का विशाल दायरा है, इस तरह इसका कोई शब्द नहीं है बल्कि यह सिर्फ एक अनुभूति है जो अलग-अलग लोगों को अलग- अलग तरीके से मिलती है। वहीं इसका दूसरा अर्थ पऱकृति से उस रिश्ते से लगाया जा सकता है जिसकी अनुभूति से मन को एक संतुष्टि मिलती है। दूसरी ओर एक नए अर्थ में जिस कार्य के बाद शरीर को एक नए आनंद की अनुभूति होती है वह सेक्स है। जो दिमाग से चलकर जनन इन्द्रियों द्वारा आत्मानंद को प्राप्त करता है।
सेक्स शब्द के अर्थ में कई शब्दार्थ समाहित रहते हैं। जिनमे मित्रता, दृढ़ परिचय, घनिष्टता, आनंद, उत्पादकता, शारीरिक सम्पूर्णता और वह विश्वास की जिंदगी सही है। सेक्स करना और समझना दोनों अलग-अलग कार्य हैं। वहीं कुछ का मानना है कि एक ऐसी कल्पना जिसे हर कोई आनंद के लिए पाना चाहता है वह सेक्स कहलाती है। दूसरी आधुनिक ख्याल के लोगों के अनुसार असीम आनंद की अनुभूति के लिए दो विपरीत या समान लिंग वालों द्वारा शरीर के कुछ विशेष अंगों द्वारा की जाने वाली क्रियाएं सेक्स कहलाती हैं।