एक स्टडी के मुताबिक, 70 प्रतिशत भारतीय महिलाएं सैनिटरी नैपकिन्स अफोर्ड नहीं कर सकती हैं। यह जानकर आपको बड़ी हैरानी होगी कि 23 प्रतिशत लड़कियां पीरियड्स शुरू होने के बाद स्कूल छोड़ देती हैं। इस प्रॉजेक्ट पर काम करने वाले क्रिस्टीन ने बताया कि वह चाहती थीं कि ज्यादा से ज्यादा लड़कियां शिक्षा प्राप्त करें और इसमें पीरियड्स बाधा न बने।
बता दें कि साथी ही इनकी ये योजना झारखंड में 10 लाख पैड्स लॉन्च करने की है। ग्रामीण भारत की महिलाओं को 10 लाख पैड्स बांटने की योजना है। साथी प्रॉजेक्ट में भारत का सबसे बड़ा शैक्षणिक एनजीओ एकल विद्यालय की पार्टनरशिप है। 2017 से यह सैनिटरी पैड पूरे देश भर में वितरित किए जाएंगे।