स्पा के मुताबिक, जब गुप्तांगों की त्वचा का तापमान कम हो जाता है, तब उसे हल्का गर्म करने की कोशिश की जाती है। इससे गुप्तांगों में रक्त संचार बेहतर होता है और एंडोर्फिन के स्तर में भी वृद्धि होती है।

गुप्तांगों की त्वचा ठंडी होते ही शरीर से दिमाग में सिग्नल पहुंचते हैं। दिमाग को यह पता चलता है कि त्वचा के उतकों को नुकसान पहुंचा और उन्हें ठीक करने की जरूरत है। इससे अचानक एंडोर्फिन का स्तर बढ़ जाता है।

महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए यह थेरेपी उपलब्ध है, जिसके लिए विशेषज्ञों की पूरी टीम तैयार की गई है। खास बात यह है कि लोग भी इस थेरेपी में दिलचस्पी ले रहे हैं। 30 मिनट की इस थेरेपी का खर्च साढ़े चार हजार रुपये के आसपास है।लेकिन स्पा ने चेतावनी दी है कि कोई भी इसे घर में ट्राई न करे क्योंकि इसके परिणाम घातक हो सकते हैं।

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