आंख फड़कना एक आम बात है लेकिन कई बार लोग इसे शुभ अशुभ घटनाओं से जोड़कर देखते हैं लेकिन इससे परे इसका एक कारण वैज्ञानिक भी है। जी हां भले ही ज्यादातर लोग आंख फड़कने को ज्योतिष से जोड़ कर देखते हैं लेकिन क्या कभी सोचा है कि इसके वैज्ञानिक कारण भी हो सकते हैं। नहीं तो आज हम आपको इससे जुड़े कई और कारण भी बताने जा रहे हैं।
आंखों का फड़कना एक तरह से मांसपेशियों में अनैच्छिक संकुचन है। इसका मुख्य कारण तनाव होता है लेकिन इसके कई और भी कारण जैसे आंखों पर दबाव, थकान, सूखी आंखे आदि भी है। इसके अलावा नींद की कमी, कैफीन या शराब आदि का ज्यादा सेवन, कम रोशनी या कंप्यूटर के आगे देर तक काम करने से भी आंख फड़कने लगती हैं।
आंख फड़कने का एक मतलब ये भी है कि आपकी आंखें थक गई हैं और उन्हें आराम की जरूरत है। यूं तो इससे कोई नुकसान नहीं है लेकिन उलझन बहुत होती है। इसे रोकने के लिए आप ये उपाय आजमा सकते हैं।
1. जब भी आपकी आंख फड़के तो तुरंत जोर-जोर से पलकें झपकाना शुरू कर दें। इसके बाद आंख खोलें और जितना हो सके फैलाएं। इसे तब तक करें जब तक आंखों से पानी ना निकल आए। लेकिन अगर इस क्रिया को करने से आंखों में दर्द या आंख और जोर से फड़कने लगे तो तुरंत इसे रोक दें।
2. आंखों को एक मिनट तक जोर से बंद करें और फिर ढीला छोड़ दें। आंख खोलने से पहले इसे तीन बार दोहराएं।
3. अपनी बीच वाली अंगुली से आंख के नीचे की तरफ की 30 सेकेंड तक गोलाई में मसाज करें। इससे रक्त प्रवाह बढ़ता है और मांसपेशिया मजबूत होती हैं।
4. आंख फड़कने पर अपनी पलकों को 30 सेकेंड तक झपकाते रहें। इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और पुतलियां साफ होती है जिससे आंखों का फड़कना रुक जाता है।
तो देखा आपने आंखे फड़कना एक आम बात है इसका ज्योतिष से लेना देना नहीं है बल्कि इसका कारण आप के शरीर में बढ़ रहा तनाव है तो अब अप भी इन टिप्स को आज़मा कर आंखो का फड़कना रोक सकते हैं।