अक्सर हम सब सपने देखते है कोई अच्छा तो कोई बुरा कुछ सपने तो हम सुबह उठते के साथ ही भूल जाते है और कुछ सपने हमें याद रहते है। लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है कि जब आप कोई अच्छा सपना देख रहे होते हैं, तभी कुछ देर बाद आपकी आंख क्यों खुल जाती है? लेकिन ज्यादातर लोग इसकी वजह नहीं जानते है, तो आइए आज हम आप को बताते है अपने सपनों के सबसे बेहतरीन पलों को क्यों मिस कर देते हैं।
सपने के सबसे अच्छे पलों के पास पहुंचकर नींद टूट जाने के बाद गुस्सा आता हैं। इसे ल्यूसिट ड्रीम्स कहते हैं। इन पलों में हम होश पाने के बेहद करीब पहुंच जाते हैं और हमारी धड़कने बढ़ जाती है और बढ़ी धड़कनों की वजह से हमारी आंखे खुल जाती हैं। दरअसल, हम असल जिंदगी में सबसे खूबसूरत चीज पाने के चक्कर में होश खो बैठते हैं, ऐसे में सपनों का टूट जाना कोई गलती थोड़े न है।
क्योरा वेबसाइट इस्तेमाल करने वाले रॉस केल्विन ने कुछ बिंदु इस बाबत खोज निकाले हैं। उन्होंने बताया कि हमारे दिमाग में सपनों के दौरान आरईएम और एनआरईएम नाम के मूवमेंट्स होते हैं। किसी सपने के पूरा होने के करीब पहुंचने के समय हमारा आरईएम(रैपिड आई मूवमेंट) सक्रिय हो जाता है। यही वजह है कि हमारी आंख खुल जाती है।
एनआरईएम(नॉन- रैपिड आई मूवमेंट) के दौरान हम कम महत्वपूर्ण सपनों को आसानी से देख जाते हैं। एनआरईएम(नॉन- रैपिड आई मूवमेंट) के दौरान दिमाग ज्यादा सक्रिय नहीं रहता, यही वजह है कि हम कम महत्वपूर्ण सपनों को तुरंत भूल जाते हैं, पर आरईएम होने की वजह से ज्यादा महत्वपूर्ण सपनों के अधूरा रहने पर ज्यादा गुस्साते हैं।