गायब हो जाने के बाद वो दोनों लड़कियां इस हालत में मिली, पुलिस भी चौंक गई , 3 फरवरी की रात जब हमें पता चला कि नेहा और काजल का कुछ पता नहीं चल रहा, तो हम लोगों ने माढ़ोताल थाने पहुंचकर गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
4 फरवरी से हम लोग दिन में कई बार थाने जाते थे, लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मी हमारी तरफ देखकर हंसते हुए मजाक उड़ाते थे और कहते थे कि किसी ने कुछ नहीं किया होगा। दोनों भाग गईं होंगी किसी के साथ। मैहर से शहर पहुंचे मृत इंजीनियरिंग छात्रा नेहा नामदेव के पिता रामायण नामदेव ने रोते हुए पुलिस के अमानवीय रवैये की दास्तां सुनाई। इस मामले में भेड़ाघाट पुलिस ने भी असंवेदनशीलता का परिचय दिया। सरस्वतीघाट में लाश मिलने के बाद शवों को नदी से बाहर निकलवाने के बाद उन्हें बांसों में मृत जानवरों की तरह बांधकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया गया।
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