इसी थिंक टैंक की एक और रिपोर्ट में बताया गया है कि इस तरह के मामलों में दोषियों को सजा भी अलग-अलग हुई, क्योंकि कुछ पर मुकदमा फेडरल कोर्ट में चला तो कुछ पर स्टेट कोर्ट में। आपको बता दें कि सेक्सटॉर्शन के शिकार लोगों में ज्यादातर कम उम्र के होते हैं। इस तरह के अपराध को अंजाम देने वाले क्रिमिनल्स में ज्यादातर पुरुष ही होते हैं। व्यस्क विक्टिम्स में महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है। इस तरह के हमलों के शिकार हुए लोग शर्म की वजह से चुपचाप रह जाते हैं।
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