दरअसल यहां के गांववाले मानते हैं कि बच्चों की आत्मा को हवा अपने साथ बहा ले जाती है। बता दें कि ये परंपरा सिर्फ ऐसे बच्चों के लिए होती है, जिनकी मौत दांत निकलने से पहले हो गई होती है। वयस्क और युवाओं को ज़मीन के अंदर ही दफनाया जाता है। इतना ही नहीं बच्चों को पेड़ों के अंदर दफनाने वाले इस गांव में एक विचित्र परंपरा वयस्क लोगों से भी जुड़ी है। इसके तहत मरने वाले लोगों के वंशज कब्र से अपने पूर्वजों के डेड बॉडी को निकालते हैं। इसके बाद उन्हें नए कपड़े पहनाकर पूरे गांव में घुमाते हैं।