जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण का व्रत करके हर कोई चाहता है कि उनकी मनोकामना पूरी हो। भक्तजन इस व्रत को बड़ी ही श्रृद्धा से रखते है। इस व्रत को करने के लिए विशेष पूजा भी की जाती है। लेकिन क्या आप इस व्रत को करने की सही विधि जानते हैं? अगर नही तो आपके लिए ये खबर किसी वरदान से कम नही। जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान आदि कर भगवान को नमस्कार करें। बाद में आप जिस तरह का व्रत करना चाहे उसका संकल्प लें। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को पालने में स्थापित करें।
उन्हे वस्त्र पहना कर पूजा करें। पूजा में उन्हे पुष्प, सुगंध, धूप, दीप आदि अर्पित कर, भगवान श्रीकृष्ण की आरती करें। अगर संभव हो तो पूजा के बाद “ऊं नमो वासुदेवाय” मंत्र का जाप भी कर सकते है, इस जाप को करने से बहुत लाभ मिलता है। इसके बाद रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाएं और भगवान को पंचामृत में तुलसी, मक्खन मिश्री का भोग लगाएं।
जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर पूजा करने का शुभ समय इस प्रकार है
शाम 6:45 से रात 8:15 बजे तक- अमृत
रात 8:15 से 9:45 बजे तक – चर
मध्य रात्रि पूजा- 12:10 से 12:40 बजे तक- लाभ