सोशल मीडिया पार आजकल रेप सींस बहुत ही तेज़ी से साझा किए जाते हैं। हालांकि यह इल्लीगल है लेकिन इसके बावजूद भी शोषल मीडिया का इस्तेमाल इन सब ग़लत कामों के लिए किया जा रहा है। इस तरह की वीडियो पर लगाम लगाने के लिए और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा इन्हें बढ़ावा दिये जाने को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका पर सोमवार को गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, याहू और फेसबुक से जवाब तलब किये। जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस उदय यू ललित की पीठ ने इन कंपनियों को नोटिस जारी किये।
प्रजवला नाम की एक NGO ने न्यायालय में कहा कि बलात्कार के वीडियो बनाने के बाद इन्हें सोशल नेटवर्किंग साइट पर पोस्ट किया जा रहा है, जो कि काफी घ्राणित कार्य है। इन सब को बढ़ावा देने वाला और कोई नहीं बल्कि ये ही गूगल, फेसबुक और याहू जैसी साइटें ही हैं। ऐसी स्थिति में इंटरनेट कंपनियों को इस तरह के साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिये उचित कदम उठाने चाहिए।