गुप्त रोगों से बचने का आसान उपाय, जिसे आप कर सकती हैं सेक्स से पहले, ब्वॉयफ्रैंड को मत बताना , यौन संचारित रोग( एसटीडी) संक्रमण है कि यौन संपर्क के माध्यम से एक संक्रमित व्यक्ति के द्वारा दूसरे व्यक्ति में फैलता है और इन्हें यौन संचरित संक्रमण( एसटीआई) भी कहा जाता है। एसटीडी योनि संभोग के द्वारा मुख्य रूप से प्रसारित होने के साथ साथ मौखिक और गुदा सेक्स भी होता है। यह जरूरी नहीं है कि यौन संचारित रोग( एसटीडी) केवल सम्भोग के द्वारा ही फैलते हैं, कभी- कभी कुछ यौन संचारित रोग संक्रमित सुइयों के इस्तेमाल, गर्भ धारण के समय माँ के द्वारा बच्चे और संक्रमित व्यक्ति के रक्ताधान(ब्लड ट्रांसफ़्यूजन) से भी फ़ैल सकता है।
एसटीडी के लक्षण संक्रमण के प्रकार के साथ अलग-अलग हो सकते है और कभी कभी एसटीडी के कोई भी लक्षण संक्रमित व्यक्ति को नहीं होते हैं और अगर होते है वे एक या अधिक प्रकार के हो सकते और इनमे से कोई भी लक्षण अगर आपको दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक की सलाह ले। लिंग या योनि से स्राव या बहाव। योनि स्राव में एक गंध का होना, जननांग के आसपास खुजली, संभोग के दौरान या जब पेशाब करते समय दर्द का अनुभव और यह दर्द या तो बहुत अत्याधिक होगा या इसमें आपको जलन महसूस होगी।
किसी से सेक्स के लिए राज़ी होने से पहले उसे कंडोम प्रयोग के लिए राज़ी कर लें। कंडोम प्रयोग करते समय इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।पैकेट खोलते समय ध्यान से खोलें। आप के नाखून से कंडोम में छेद हो सकता है। छेद वाला कंडोम प्रयोग करना कंडोम प्रयोग न करने के बराबर है। कंडोम को शिश्न पर चढ़ाने से पूर्व उसे पूरा न खोलें। उस का आगे का सिरा दबाएँ ताकि उस में हवा न फंसी रहे, उस के बाद उसे शिश्न पर चढ़ाते हुए पूरी तरह खोलें। यौन क्रिया पूरी होने पर शिश्न की अनुत्तेजित स्थिति आने से पहले ही कंडोम को सावधानी से उतारें, और सावधानी से फेंकें, ताकि द्रव्य इधर उधर न गिरे और किसी के संपर्क में न आए। कंडोम को कभी भी पुनः प्रयोग न करें।
जननांग क्षेत्र, गुदा, मुंह, जीभ या गले के चारों ओर दर्दरहित लाल फोड़ो का होना, जननांग क्षेत्र के आसपास के छाले जो बाद में पपड़ी में बदल सकते है, हेपेटाइटिस के संक्रमण के मामले में, मूत्र काले रंग और हलके चूने का रंग का मल भी आ सकता है, और आँखों में नाखुनों के पैरो में और त्वचा में पीलापन का आना, एचआईवी संक्रमण में लोगों का एड्स की ओर अग्रसर होना, वजन कम होना , बार बार संक्रमण का होना, रात को पसीने का आना और थकान का होना, मासिक धर्म के अलावा योनि से रक्त स्राव का होना, सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव।
आप यौन द्वारा एचआइवी के शिकार न बनें, इस के लिए आप को इन बातों का ध्यान रखना होगा। यदि आप अविवाहित हैं या आप का कोई स्थाई और विश्वसनीय यौन संगी नहीं है तो सेक्स को जितना हो सके, जब तक हो सके, टालना बेहतर है। सेक्स साथियों में बदलाव न करें तो बेहतर है। एक वफ़ादार साथी से नाता रखें और उस से वफ़ा करें, यानी उसी से सेक्स करें।
यदि आप के पास अपने या अपने साथी के एचआइवी रहित होने का सौ प्रतिशत प्रमाण नहीं है तो सेक्स के समय कंडोम (जैसे निरोध, कोहिनूर, आदि) का प्रयोग करें – नियमित रूप से और सही विधि से। बाज़ार में पुरुषों के प्रयोग हेतु कंडोम मिलते हैं, और स्त्रियों के प्रयोग हेतु भी। पुरुषों वाले कंडोम अधिक प्रचलित भी हैं और अधिक उपलब्ध भी — इस कारण यहाँ हम उन्हीं की बात करेंगे। यदि आप को इस बात की संभावना लगती है कि आप का किसी से यौन संबन्ध होने की संभावना है तो अपने पास कंडोम अवश्य रखें।