कुछ इस तरह है यारा का मैसेज
“26 मार्च 2015, रात के लगभग 12 बजे होंगे। अगले दिन मेरी सेकेंड टर्म की म्यूजिक कॉन्सर्ट होने वाली थी। मैं इस कॉन्सर्ट को लेकर बहुत उत्साहित थी। पर जब सुबह उठकर तैयार हुई तो मां ने मुझे रोका और बताया यमन के खिलाफ युद्ध शुरू हो गया है।
सना पर सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने हमले शुरू कर दिए थे। देश की इतनी बुरी स्थिति के लिए सऊदी अरब ही जिम्मेदार है। मैं नहीं चाहती कि मौत अगला शिकार मुझे बनाए, मैं अभी बच्ची हूं, अपनी पूरी जिंदगी जीना चाहती हूं। मैं डॉक्टर बनना चाहती हूं, इंजीनियर बनना चाहती हूं।
मैं अपना कद बढ़ना चाहती हूं ताकि दुनिया में महत्वपूर्ण बन सकूं। विद्रोहियों को मैं गलत नहीं मानती वो अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। उन्हें जबरन पकड़ा जा रहा है और हथियार डालने के सिवा कोई विकल्प नहीं दिया जा रहा है। अमरीका को इस मामले में दखल देनी चाहिए। ताकि, सऊदी को रोका जा सके, युद्ध का खात्मा हो सके।
अगर अमरीका युद्ध रोकने में मदद नहीं कर सकता है तो सऊदी को मदद देना बंद करे। और उन्हें हथियार दे, शायद इससे युद्ध रुक सके। पिछले 18 महीनों से मेरा स्कूल बंद है। मैं, मेरा भाई और माता-पिता सब बेसमेंट के एक ही रूम में जिंदगी बिता रहे हैं। हर वक्त अपना सामान, पासपोर्ट और पैसे तैयार रखते हैं, पता नहीं कब सबकुछ छोड़कर भागना पड़े।
मेरे पापा की नौकरी भी चली गई है। बड़ी मुश्किल से एक-एक दिन कट रहा है। शुरुआती दिनों में, मै रोती थी और पापा-मम्मी से कहती थी कि यहां से भाग चलें, अब वो भी संभव नहीं। एयरस्पेस बंद हो चुकी है, जमीन और समुद्री सीमाओं पर सऊदी का नियंत्रण है। सऊदी झूठ बोल रहे हैं।
उन देशों को गुमराह कर रहे हैं जो हमें तबाह करने के लिए पैसे दे रहे हैं। वो हमारी मदद नहीं कर रहे, हमें खत्म कर रहे हैं, हमारे स्कूलों, फैक्ट्रियों, बच्चों सब को। मेरा परिवार, सबके परिवार एक दिन मरने वाले हैं। मुझे लगता है अमरीकी इस युद्ध को रोक सकते हैं, प्लीज,प्लीज, प्लीज..यमन के खिलाफ युद्ध रोक दो। हर दिन दुखी हो जाती हूं, हजारों लोगों को यू हीं बेवजह मरते देखकर। (इसके बाद यारा जोरों से रोने लगती हैं)।”