अगर आपकी पार्टनर कभी कहती है हां और कभी कहती है ना, तो हो जाइये सावधान , मूड स्विंग का कोई निश्चित कारण नहीं होता है। इसके लिए हॉर्मोनल असंतुलन के अलावा मानसिक विकार जैसी समस्या भी जिम्मेदार हो सकती है। आपको बता दें म हिलाओं में हार्मोनल बदलाव से अवसाद की दोगुनी आशंका रहती है। एक शोध के अनुसार 20 फीसदी महिलाओं में जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर डिप्रेशन पाया गया।
चिड़चिड़ाहट की दो वजह हो सकती हैं। पहली यह कि आपको भूख लगी हो और दूसरी, आपके व्यवहार में उग्रता है।
ऐसे ठीक होगा : कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स युक्त भोजन खाएं।
बेवजह बार-बार मूड बदलता है जिस पर आप बिल्कुल नियंत्रण नहीं कर पाती तो यह बायपोलर डिसऑर्डर का लक्षण है। इसमें आप कुछ ही मिनटों में आवेग, तुनकमिजाजी, निराशा, बहुत ज्यादा डिप्रेशन या बेहद खुशी जैसी कई भावनाएं महसूस कर सकती हैं।
इस स्थिति में आपका मूड पल-पल बदलता है। दरअसल खून में कोर्टीसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन के ज्यादा होने पर आपका मूड बुरी तरह प्रभावित होता है। खराब लाइफस्टाइल, डिप्रेशन भी इसके कारण हैं।
ऐसे ठीक होगा : सक्रिय रहना और नींद पूरी लेना, कैफीन से दूरी आसान उपाय हैं।
इसका कारण थाइरॉइड में असंतुलन हो सकता। नींद में गड़बड़ी, वजन का कम या ज्यादा होना, कमजोर पाचन और खराब मूड जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। अगर आपके परिवार में ऑटोइम्यून रोग का इतिहास रहा हो तो डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। वहीं अगर आपके गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में फायदेमंद बैक्टीरिया मौजूद नहीं हैं तो इसका प्रभाव आपके मूड पर दिखाई देता है।
ऐसे ठीक होगा : थाइरॉइड के असंतुलन में डाइट और व्यायाम मददगार साबित होते हैं।