राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्‍प भारत का समर्थन करके एशिया में शक्ति के संतुलन को बदल सकते हैं। चीन और पाकिस्तान दशकों से अमेरिका को नकदी देने वाली गाय के तौर पर इस्तेमाल करते रहे हैं। चीन ने ट्रेड सरप्लस की मदद से तो पाकिस्तान डबल गेम खेलकर चरमपंथी इस्लामी ताकतों से लड़ने की आड़ में अमेरिका से आर्थिक मदद लेता रहा है। पाकिस्तान की बात करे तो डॉनल्ड के राष्ट्रपति बनने के बाद पाकिस्तान का बड़ा नुकसान होगा। ट्रम्‍प ने पाकिस्तान को सबसे खतरनाक देश कहा है। उन्होंने कहा है कि आपको भारत को साथ लेकर चलना होगा।

अब तक के संकेत को देखते हुए लगता है कि ट्रम्‍प जीतने के बाद इन दोनों देशों दी जाने वाली आर्थिक सहायता में कटौती करेंगे। अमेरिका में पिछले 15 सालों के अंदर 50 लाख नौकरियां खत्म हुई हैं जबकि इस अवधि में चीन के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भारी ग्रोथ देखी गई है।

ट्रम्‍प अपने चुनावी वादे को पुराने करने के लिए अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग जॉब वापस लाने की कोशिश करेंगे। ऐसा वह तभी कर सकेंगे जब एशिया (खासकर) चीन के मैन्युफैक्चरिंग में लेबर कॉस्ट फायदे में टैरिफ और गैर टैरिफ बैरियर्स की मदद से सेंध लगाएं।  पाकिस्तान पर अंकुश लगाने के लिए भारत का साथ जरूरी है। उनका यह बयान भारत-पाकिस्तान संबंध की दिशा में काफी मायने रखता है। ट्रम्‍प पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता में कटौती करके पाकिस्तान के प्रति पॉलिसी को प्रभावित कर सकते हैं।

 

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