केदारनाथ से लेकर गौरीकुंड, सोनप्रयाग, त्रिजुगीनारायण, सीतापुर और गुप्तकाशी जैसे बाजारों में सैकड़ों होटल, ढाबे, घोड़े खच्चर और छोटे-बडे व्यवसायी गंगी गांव से उधार लेते आए है। उधार देने की प्रक्रिया भी अजीबोगरीब है। यहां केवल सोमेश्वर भगवान ही गवाह होता है। केदारघाटी ही नहीं बल्कि गंगोत्री और भिलंगना घाटी में भी इस गांव के लोगों ने उधार दिया है।