बेघर पश्तूनों को छलका दर्द बोले- हमें मिटाना चाहता है पाक

बेघर पश्तूनों को छलका दर्द बोले- हमें मिटाना चाहता है पाक

बेघर पश्तूनों को छलका दर्द बोले- हमें मिटाना चाहता है पाक। अफगानिस्तान से सटी सीमा पर पाकिस्तानी सेना की तरफ से आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान ‘जर्ब-ए-अज्ब’ की वजह से हजारों मासूमों व लोगों की जानें जा चुकी हैं। उत्तरी वजीरिस्तान चल रहे इस अभियान की वजह से हजारों पश्तून अब बेघर हो चुके हैं। और इन पश्तूनों ने अब अफगानिस्तान में शरण ली है। इनका आरोप है कि पाकिस्तान किसी न किसी बहाने से उन्हें मिटाने में लगा हुआ है। वायुसेना और पाकिस्तान की आर्मी के हमलों की वजह से हजारों पाकिस्तानी पश्तूनों के पास देश छोड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

 

और वह भागने के लिए मजबूर हो गए हैं। अपनी जान बचाने के लिए फिलहाल वे अफगानिस्तान में हैं। उनका कहना है कि लगातार हमलों की वजह से न केवल उनकी जिंदगी, बल्कि संपत्ति और मवेशियों को भी खासा नुकसान पहुंचा है। पश्तूनों ने यह भी आरोप लगाया है कि पाकिस्तान इस जंग को बीते चालीस साल से उनपर थोपे हुआ है। अफगानिस्तान के खोश्त में एक ऐसे ही पाकिस्तानी पश्तून शरणार्थी ने बताया है कि, ‘पाकिस्तानी सरकार ने बिना किसी चेतावनी के अचानक से बमबारी करवा दी। और हमें बताया भी नहीं गया कि क्या करना है, और कहां जाना है। सेना और पंजाबियों ने हमें बहुत प्रताड़ित किया।’

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