यह रोग मनुष्यों में मच्छरों द्वारा वुचरेरिया बैनक्रोफटाइ नाम के पैरासाइट के ट्रांसमिशन से होता है। इसका इंफेक्शन बचपन में ही हो जाता है। मगर इसका लक्षण बहुत बाद में दिखाई देता है। इंफेक्शन तो दवाईयों के इस्तेमाल से सही हो जाता है।
मगर जब ये एलिफन्टाइसिस का रूप ले लेता है तो इसका इलाज मुश्किल हो जाता है। डेलीमेल खबर के अनुसार उन्हें एलिफन्टाइसिस नाम की बीमारी हो गई थी।