आखिरकार हरेन्द्र को बिना काम काज के वेतन लेने में बहुत शर्म महसूस हो रही थी। तब उन्होंने इसके खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करवा दी।

श्रीलंकाई मूल के हरेन्द्र हेरोल्ड सिरिसेन ने 1995 में न्यूयॉर्क सिटी यूनिवर्सिटी ज्वाइन की थी। शुरु में तो सब कुछ ठीक रहा लेकिन 2003 में उसका सारा काम छीन लिया और एक युवा सहायक को सौंप दिया गया। तब से हरेन्द्र के पास काफी कम काम रह गया। उनका काम इतना कम हो गया कि साल भर में केवल 30 दिन का काम ही उन्हें दिया गया।  वकील के अनुसार अब यूनिवर्सिटी के खिलाफ हरेन्द्र के प्रति भेदभाव का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

 

1 2
No more articles