डेन्मार्क में एक ऐसी मस्जिद है जहां सारा काम सिर्फ महिलाएं ही करती हैं और तो और इस मस्जिद में शुक्रवार की नमाज़ में पुरुष हिस्सा नहीं ले सकते हैं।
डेनमार्क की मरियम मस्जिद कुछ खास है। यह ऐसी मस्जिद है जहां काजियों का सारा काम सिर्फ महिलाएं ही करती हैं। डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में मरियम मस्जिद का निर्माण हो चुका है।
डेनमार्क की मरियम मस्जिद की शुरुआत शेरीन खानकन नाम की महिला ने की है। बताते हैं कि शेरीन के पिता सीरियाई मुस्लिम हैं और इनकी मां इसाई हैं। शेरीन खानकन की इस मस्जिद का नाम मरियम रखा गया है।
डेनमार्क की मरियम मस्जिद में शुक्रवार की नमाज में पुरुष हिस्सा नहीं ले सकते हैं। हालांकि इसके अलावा रोज महिलाएं और पुरुष मस्जिद की हर गतिविधि में बराबर हिस्सा ले सकते हैं। खबर मिली है कि मरियम मस्जिद में चार इमाम हैं। ये चारों ही महिलाएं हैं। इनमें से एक शेरीन भी हैं।
शेरीन डेनमार्क में जानी-मानी लेखिका हैं। शेरीन का मानना है कि इस्लाम ही नहीं बल्कि यहूदी, इसाई और अन्य धर्मों के संस्थानों में भी पितृसत्तात्मकता मौजूद है। इसे दूर करने के लिए ऐसे कदम उठाना जरूरी है। डेनमार्क में पहली बार महिलाओं के नेतृत्व वाले मस्जिद की शुरुआत हुई है। हालांकि अमेरिका, कनाडा, जर्मनी जैसे देशों में भी ऐसे प्रोजेक्ट देखने को मिल चुके हैं।
लेखिका शेरीन ने कहा कि इस्लाम महिलाओं को इमाम बनने की इजाजत देता है। समस्या केवल निगेटिव सोच वाले पैदा करते हैं। डेनमार्क के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अब पॉजिटिव रुख दिखाया है। यह फेमिनिस्ट प्रोजेक्ट का हिस्सा है। मस्जिद में शुक्रवार की नमाज महिला-पुरुष एक साथ पढ़ सकते हैं। पर नमाज महिला इमाम ही कराएंगी। डेनमार्क की मरियम मस्जिद में महिला काजी को लेकर बहुत हंगामा हुआ था लेकिन शेरीन ने भी हिम्म्त दिखाते हुए कहा कि मैं किसी के आगे नहीं झुकुंगी।