पीड़िता छात्रा ग्लोरिया दामे ने बताया कि एक बार तो वह मरते मरते भी बची हैं। कहा- ‘मैं लकड़ियों के ढांचे में थी और बिल्कुल पास में विमान से बम गिराया गया, लेकिन शायद उस दिन मैं किस्मत वाली थी कि मैं बाल-बाल बच गई।’ ईश्वर का लाख-लाख शुक्र है।’समारोह का आयोजन नाइजीरिया की सुरक्षा सेवाओं ने किया था, जिसने छात्राओं की रिहाई के लिए बोको हराम से बात की थी।

साथ ही उसने अपनी स्थानीय भाषा में बताया कि ‘हमें एक माह और 10 दिन तक खाना नहीं मिला,लेकिन हम बच गए। और आपको बता दें कि ये छात्राएं देश में कट्टरपंथी इस्लामिक स्टेट को स्थापित करने के लिए बोको हराम के क्रूर अभियान का प्रतीक बन गई थीं और इन छात्राओं का अप्रैल 2014 में अपहरण कर लिया गया था और इस घटना को लेकर पूरी दुनिया में आक्रोश की लहर दौड़ गई थी। इनकी रिहाई के लिए चलाए गए ऑनलाइन अभियान ‘ब्रिंगबैकअवरगर्ल्स’ में अमेरिकी प्रथम महिला मिशेल ओबामा भी शामिल हुईं।

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