दुनिया भर में तेज़ी से बढ़ रहा है बच्चों के साथ रेप के लाइव वीडियो का प्रसारण , नीदरलैंड्स के द हेग में अपने मुख्यालय से जारी एक बयान में यूरोपीय पुलिस यूरोपोल ने कहा, “लाइव चाइल्ड अब्यूज का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।” यूरोपोल ने इस बारे में एक रिपोर्ट तैयार की है। 72 पेज की अपनी रिपोर्ट में एजेंसी ने बताया है कि चाइल्ड सेक्स अब्यूज की लाइव स्ट्रीमिंग में क्या होता है। रिपोर्ट के मुताबिक, “वीडियो शेयरिंग प्लैटफॉर्म्स के जरिए यह बात पहले से ही बता दी जाती है कि किस दिन, किस वक्त लाइव स्ट्रीमिंग होगी।” रिपोर्ट कहती है कि रिकॉर्डिंग में अक्सर यौन शोषण करने वालों के चेहरे छिपा लिए जाते हैं।
यूरोपोल के साइबर क्राइम सेंटर के चीफ स्टीवन विल्सन ने कहा, “बच्चों का ऑनलाइन यौन शोषण हमारे लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है।” विल्सन ने बताया कि बदला लेने के लिए अपने जानने वालों के पोर्न वीडियो इंटरनेट पर डालने का चलन भी बढ़ रहा है। इसे साइबर क्राइम की भाषा में रिवेंज पोर्न कहा जाता है जब किसी की निजी तस्वीरें या वीडियो बिना उसकी इजाजत के इंटरनेट पर डाल दी जाती हैं। इन अपराधों से निपटने के लिए यूरोपोल लोगों में जागरूकता बढ़ाने पर काम कर रही है। इसके तहत ऐसे वीडियो बनाए जा रहे हैं जिनमें ऑनलाइन सेक्शुअल अब्यूज के खतरों की जानकारी दी जाएगी। यूरोपोल की योजना है कि इन वीडियो को यूरोपीय देशों के स्कूलों में बांटा जाएगा।
यूरोपोल की रिपोर्ट के मुताबिक साइबर क्राइम में हर लिहाज से काफी वृद्धि हो रही है। रिपोर्ट कहती है, “साइबर क्राइम की संख्या, उसका दायरा, उसकी वजह से होने वाला नुकसान हर चीज बढ़ ही रही है और एक बहुत खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है।” लेकिन सबसे बड़ी चिंता चाइल्ड अब्यूज को लेकर है। इंटरनेट पर ज्यादातर अवैध गतिविधियां तथाकथित डार्कनेट पर होती हैं यानी इंटरनेट का वह हिस्सा जहां लोगों ने एनक्रिप्टिड प्लैटफॉर्म्स बना रखे हैं। इन प्लैटफॉर्म्स पर अक्सर कोई बाहरी व्यक्ति नहीं जा सकता और गतिविधियों से जुड़े लोग ही एक्सेस कर पाते हैं।
यूरोपोल की एक चिंता यह भी है कि बच्चों के यौन शोषण का दायरा फैल रहा है। रिपोर्ट कहती है, “पहले तो चाइल्ड पोर्न की लाइव स्ट्रीमिंग करने वाले समूह दक्षिण-पूर्व एशिया, खासकर फिलीपीन्स में केंद्रित थे। लेकिन हालिया रिपोर्ट दिखाती हैं कि अब यह दूसरे देशों में भी फैल रहा है।” बिना किसी देश का नाम लिए यूरोपोल ने कहा है, “यौन अपराधी उन देशों को निशाना बना रहे हैं जिन देशों में गरीबी बहुत ज्यादा है, बच्चों के बचाव के तरीके बहुत कम हैं और बच्चों तक पहुंच आसान है।”