वैज्ञानिक को नहीं पता कि वो कहां से आया, वो मानते हैं कि डिएगो 1900 से 1959 के बीच Espanola से कैलिफोर्निया के चिड़ियाघर लाया गया था। 1976 में डिएगो को वापस Galapagos लाया गया, जहां उसे प्रजनन केंद्र में रख दिया गया। वो आज भी प्रजनन कार्य में पूरी शिद्दत के साथ लगा है। डिएगो के पाए जाने के करीब 50 साल पहले Galapagos द्वीप पर कुल 12 मादा और दो नर कछुए थे। पिछले कई सालों में ये संख्या बढ़ कर 2000 के करीब हो गई है।

भले ही डिएगो की उम्र 100 साल है लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इसकी यौन क्षमता आज भी गजब की है। आज भी उसे कछुओं की संख्या बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

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