दरअसल जिस पहाड़ पर वो चलने को तैयार हुआ उसके इस किनारे पर एक साथ सिर्फ दो पैर रखे जा सकते थे, यानी 7 इंच। यानी गलती का मतलब सीधी मौत। लेकिन, इस सफर को पार करते ही वो उससे भी खतरनाक सफर पर निकल पड़ा। पहाड़ी के कगार ऐसे दौड़ने में कदम भटकने का मतलब था जिंदगी का ही भटक जाना।