कहते हैं जिसे ऊपपर वाला जीवन देता है तो कोई उससे उसका वो जीवन तब तक नहीं छीन सकता जब तक ऊपर वाला खुद न चाहे। फिर भले ही उस पर कोई कितना भी सितम क्यों न ढाए या फिर कोई भी खतरनाक बीमारी ही उस क्यों न लग जाए।

“एंड्रू जॉन” के लिए बॉडी बिल्डिंग किसी जुनून से कम नहीं है। वो अपने इस काम को अपने मजहब से भी ज़्यादा महत्व देता है। 2012 में एक दिन एंड्रू जब मॉर्निंग वॉक के लिए निकला तो अचानक उसे खांसी आई और फिर खांसी के साथ खून भी आने लगा, जिस वजह से बेहोशा हो गया।

जब उसे हॉस्पिटल लाया गया तो डॉक्टर ने बताया कि उसे “कार्डियोमायोपैथी” नामक बीरी है जिसके चलते इसका दिल बदलना पड़ेगा वरना वो बच नहीं पाएगा। उस समय अस्पताल में कोई भी ऑर्गन मौजूद नहीं था तब डॉक्टर ने उसके दिल को बाहर निकाल कर एक बैग में बंद कर दिया और उसके शरीर के अंदर दो कृत्रिम नलियां लगा दीं।

ऑपरेशन के दौरान जब डॉक्टर ने उसे बॉडीबिल्डिंग से दूर रहने की सलाह दी तो एंड्रू ने साफ-साफ इस बात को मानने से इनकार कर दिया।

और आज एंड्रू हर समय अपने दिल को बैग में रख के घूमता है, जिम करता है और कमाल की बात तो ये है कि उसे सांस लेने में भी कोई दिक्कत नहीं होती।

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