परिजन जलाने जा रहे थे उसकी चिता, तभी वो उठ बैठा! कहते है जो एक बार चला गया वह कभी वापस नही आता, लेकिन इस बात को गलत साबित करती है यह खबर। दरअसल एक व्यक्ति पिछले कुछ समय से बीमार चल रहा था और एक दिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया, लेकिन कहते है ना जाको राखे साइयां मार सके न कोय। यह कहावत ठीक साबीत हो गई और उस व्यक्ति में प्राण आ गए।
मामला ऋषिकेश का है जहां गंगा नगर निवासी विजय थपलियाल राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। पिछले कुछ समय से वह बीमार चल रहे हैं। उनकी इलाज हिमालयन हॉस्पिटल जोलीग्रांट में चल रहा था। पिछले कुछ दिनो से विजय को वेंटिलेटर पर रखा गया था। सुबह डॉक्टरो ने उन्हें वेंटीलेटर से हटाकर परिजनों को घर ले जाने की सलाह दी। वेंटीलेटर से हटाते ही विजय का शरीर मृतप्राय हो गया। परिजन मृत जानकर उन्हें घर लेकर पहुंचे। शरीर में जीवन के कोई लक्षण न देखकर परिजनों ने अपने सगे संबंधियों को निधन की सूचना दे दी। इसके बाद अंतिम संस्कार की भी तैयारी शुरू हो गई। यही नहीं निधन की सूचना पर राजकीय चिकित्सालय में शोक स्वरूप अवकाश भी घोषित कर दिया गया।