दुर्घटना की जानकारी जैसे ही लड़की वालों को पता चली, दुल्हन सीमा कुमारी सीधे अस्पताल पहुंच पहुंच गईं और लालजी कुमार की सेवा सुश्रुता में लग गईं। 2 दिन तक लगातार सीमा ने लाल जी कुमार की सेवा की और इसी दौरान उसने फैसला किया कि वह अस्पताल से सीधे अब अपने ससुराल जाएगी।
सीमा कुमारी के इस जिद से तो पहले उसके माता-पिता सकते में आ गए मगर सीमा के ना मानने पर आखिरकार उन्हें भी झुकना ही पड़ा। 3 मार्च को अस्पताल में ही बिस्तर पर पड़े हुए लाल जी कुमार के साथ सीमा कुमारी ने परिवार वालों और अस्पताल के मरीजों के उपस्थिति में एक दूसरे को वरमाला पहनाया और सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खाईं। इस तरह मुजफ्फरपुर में हुई यह शादी एक यादगार और अनोखी शादी बन गई।
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