दरअसल कर्नाटक के धारवाड़ ज़िले के 17 साल के कुमार की कुत्ते के काटने से तबीयत बिगड़ गयी थी और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी। उसके परिवारवालों के पास दो ऑप्शन थे, या तो उसे वहीं रहने देते या फिर घर ले आते। वो उसे घर लेके आ रहे थे कि रास्ते में ही कुमार के शरीर में हरकत होनी बंद हो गयी और ये समझा गया कि उसकी मौत हो चुकी है। परिवार वाले उसकी अंत्येष्टि की तैयारी कर ही रहे थे कि उसके शरीर में फिर से हरकत होने लगी, उसकी सांसें तेज़-तेज़ चलने लगीं और थोड़ी देर में वो उठ खड़ा हुआ।

उसे दोबारा हॉस्पिटल ले जाया गया और दोबारा से वेंटिलेटर पर रखा गया है। डॉक्टरों का कहना है कि उसे Meningoencephalitis हुआ है, ये एक तरह का इन्फेक्शन होता है, जो कुत्ते के काटने से फैलता है। कुमार अपने माता-पिता के साथ मज़दूरी करता है, उसने उनकी मदद करने के लिए 9वीं के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी थी।

 

 

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