जब मौत आती है तो दिमाग क्या काम करता है, चौंका देने वाला रहस्य , जिंदगी और मौत से जुड़े कई सवालों के उत्तर इन्सान अभी भी नहीं खोज पाया है। ऐसा ही एक सवाल है कि मरते समय इन्सान के मन में कैसे ख्याल आते हैं और इनका क्या अर्थ होता है? भारतीय धर्मग्रंथों में इस शंका का समाधान करने की कोशिश की गई है।
यदि कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा आलसी है और कम समय में किए जाने वाले काम को बहुत समय में करता है, तो ऐसा व्यक्ति अगले जन्म में अजगर बनता है और अजगर की तरह अपना कालयापन करता है यानि समय काटता है। ऐसे लोगों से अच्छे कार्य की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
यदि व्यक्ति बहुत ज्यादा विषयवासनाओं में डूबा रहने वाला है, तो काम की अधिकता के कारण अगले जन्म में उसे मंदबुद्धिता प्राप्त होती है और वह अपनी समस्त ऊर्जा का सही उपयोग नहीं कर सकता है। इसलिए हमें अपनी विचारों पर नियंत्रण रखना चाहिए और अच्छे विचारों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
धर्मग्रंथों में लिखा गया है कि इन्सान को मरते समय जैसे विचार आते हैं, अगले जन्म में उन्हीं के आधार पर योनि मिलती है। अर्थात मृतक अगले जन्म में क्या बनेगा, यह उसके अंतिम समय के विचारों पर भी निर्भर करता है। हालांकि यह बात भी हमारे शास्त्रों में लिखी गई है कि अंतिम समय में आने वाले विचारों पर इन्सान का नियंत्रण नहीं होता है। उसे वैसे ही विचार आते हैं, जैसे कर्म उसने जीवनभर किए हैं। इसलिए इन्सानी जीवन में विचार और कर्म का बहुत महत्व है। जैसे हमारे विचार होंगे, वैसे हम कर्म करेंगे और उसी अनुसार अगले जन्म की योनि तय होगी।
विद्वानों ने कहा है कि अंत समय का चिंतन व्यक्ति की मर्जी पर निर्भर नहीं करता, बल्कि उसके संस्कारों और जीवनभर किए गए कामों का जो असर उसके मन क्षेत्र पर है, उसी अनुसार विचार होंगे। इसीलिए कहा गया है, अंत मति सो गति।