कई जगहों पर अगर लड़कियां सेक्स को त्याग देती हैं तो या तो वो नन का रूप धारण कर लेती हैं या फिर साध्वी बन जाती हैं लेकिन एक देश ऐसा है जहां लड़कियां अगर सेक्स त्याग दें तो वो बन जाती हैं मर्द।
जी हां,यह सच्चाई है बाल्कन देश की जहां लड़कियां अगर सेक्स त्याग दे तो उन्हें लड़के जैसा दर्जा दे दिया जाता है। अल्बानिया के छोटे से गांव में रहने वालीं शकुर्ता हसनपापजा नाम की एक लड़की, जब 16 साल की थीं तो उन्हें शादी के लिए कहा जाने लगा। उनके सामने उस जबरदस्ती की शादी से बचने का एक ही रास्ता था। एक प्राचीन परंपरा, जिसके तहत लड़कियां ताउम्र सेक्स ना करने की कसम खा लेती हैं।
शकुर्ता ने कसम उठा ली और ताउम्र कुंवारी रहने का फैसला कर लिया। एक ही झटके में उसकी जिंदगी तितर-बितर हो गई। उन्होंने सेक्स को त्याग दिया, शादीशुदा जिंदगी से मुंह मोड़ लिया और कभी मां ना बन सकने का भविष्य चुन लिया। लेकिन बदले में उसे जो मिला वह भी कम नहीं था। उन्हें पुरुष प्रधान समाज में एक पुरुष की तरह जीने का मौका मिला। अब वह परिवार की मुखिया थीं। उनका नाम भी बदल गया था। अब उन्हें एक मर्दाना नाम मिल गया था, शकुर्तन।
आज जब वह 70 की उम्र पार कर चुकी हैं, शकुर्तन ही कहलाना पसंद करती हैं। वह बताती हैं, “मैंने पुरुष हो जाने को चुना। जो मुझे पसंद करते हैं, मुझे शकुर्तन कहते हैं। जो लोग मुझे सताना चाहते हैं वे शकुर्ता कहते हैं।” वैसे, अब यह परंपरा लगभग दम तोड़ चुकी हैं।
शकुर्ता आखिरी ऐसी चंद महिलाओं में से हैं जिन्होंने शादी के बजाय ताउम्र वर्जिन रहने का चुनाव किया था। अल्बानिया और बाकी बाल्कन देशों में अब ऐसा शायद ही कोई करता हो। मुश्किल से 10 ऐसी महिलाएं बची हैं। यह अनोखी परंपरा कितनी पुरानी है, कोई नहीं जानता। सबने अपने पुरखों से सुना है कि लेके दुकाजिनी के कानून में ऐसा लिखा है।
मध्ययुगीन कानून के तहत इन लड़कियों को वर्जिनेशा कहा जाता था और आमतौर पर यह खूंखार कबीलों में चलता था। कोई भी लड़की दो तरह से वर्जिनेशा बन सकती थी। अगर परिवार के सारे पुरुष मारे जाएं या चले जाएं। ऐसे में परिवार की जिम्मेदारी संभालने के लिए लड़की वर्जिनेशा हो जाती थी या फिर शादी से बचने के लिए ऐसा करती थी क्योंकि बिना वर्जिनेशा हुए तो उसे शादी करनी ही होती। ना करती तो खून की नदियां बह जातीं। शादी का न्योता ठुकराना बहुत बड़ा अपमान माना जाता था और उसका नतीजा पारिवारिक दुश्मनी में निकलता था।