रोजी का कहना है कि लोग उसकी मेहनत की कद्र नहीं करते थे। लोग रोजी को कहते थे कि तुम्हारा तो कोई अपना नहीं है जो तुम्हारी मौत के बाद तुम्हारा अंतिम संस्कार कर सके। बार-बार लोगों द्वारा इस तरह के सवालों ने रोजी को सोचने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद रोजी ने अपनी बचत के 50 हजार रुपयों से खुद के लिए एक ताबूत बनवाने का फैसला किया।आपको बता दें कि रोजी ने अपने बचत के पैसों से एक छोटी सी जमीन खरीदी और वहां रहने के लिए एक घर बनाया।