रेल मंत्रालय ने शीर्ष न्यायालय के अप्रैल-2014 के निर्देशों का संदर्भ देते हुए बताया कि हिजड़ा, किन्नर और बाइनरी के अधिकारों की रक्षा के लिए अब उन्हें थर्ड जेंडर के रूप में माना जाएगा। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्णय में संविधान के तृतीय भाग और संसद के द्वारा बनाये गए कानून के तहत हिजड़ा और किन्नर के साथ-साथ बाइनरी के अधिकारों की रक्षा के लिए उन्हें थर्ड जेंडर के रूप में मान्यता देने का निर्देश दिया था।