4. महाराष्ट्र का काठेवाड़ी
साल 2008 में आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा इस गांव को एडॉप्ट किया गया था। उसके बाद से यह एक मॉडल गांव बन गया। यहां ज्यादातर घरों में बॉयो टॉयलेट का इस्तेमाल किया जाता है। जो इस गांव की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इसके अलावा गांव के विकास के लिए यहां कई अन्य योजनाएं चलाई गई हैं।