जब पायल की शादी की तैयारियां चल रही थीं, तो उनका ध्यान शादी से ज़्यादा बच्चों की पढ़ाई में था। शादी के दौरान एक रस्म होती है हल्दी की। इसमें माना जाता है कि लड़की को जब हल्दी लग जाती है, तो फिर उसे कहीं बाहर नहीं जाना होता। पर पायल हल्दी लगने के बाद भी स्कूल जाती रहीं। पांच फरवरी को शादी होने के अगले दिन पायल को ससुराल में कुछ रस्में निभानी थीं, पर पायल का ध्यान तो बच्चों की पढ़ाई पर लगा था। उन्होंने हिम्मत कर अपने ससुर को बताया कि 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं होने वाली हैं और ऐसे में वो अपने स्कूल के बच्चों की तैयारी बीच में छोड़ नहीं सकतीं। पायल के ससुर हरीशचन्द्र को पायल की ये बातें बहुत अच्छी लगीं और उन्होंने तुरंत पायल को मायके जाने की इजाज़त दे दी।

 

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