इतना ही नहीं जयंत समय-समय पर गांव वालों की मदद भी करते रहते हैं। जब महाराष्ट्र में सूखा पड़ा था, तब भी उन्होंने गांव में पानी के पांच टैंकर भिजवाए थे। वो चाहते हैं कि अन्य समर्थ लोग भी इस तरह ज़रूरतमंदों की मदद करें। हम तहे दिल से जयंत की इस पहल की सराहना करते हैं। यदि शादियों में खर्च होने वाले फ़िज़ूल के पैसे को किसी ज़रूरतमंद के लिए लगाया जाये, तो नवविवाहित जोड़े को भी दुआएं मिलेंगी।
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