26 साल की पृथिका यशिनी ने चेन्नई में सब इंस्पेक्टर बन कर इतिहास रच दिया है। तमिलनाडु के धर्मापुरी जिले में उप-निरीक्षक के रूप में कार्यभार संभालने वाली पृथिका भारत की पहली ट्रांसजेन्डर सब-इंस्पैक्टर बनी है। पृथिका ने पुलिस में शामिल होने के लिए एक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। अपनी ट्रेनिंग खत्म करने के बाद रविवार को धर्मपुरी में पुलिस अधीक्षक को अपने ज्वाइंनिंग दस्तावेज सौंपे। उन्होंने 6 महींने की व्यावहारिक प्रशिक्षण लिया है।
पृथिका के अनुसार वरिष्ठ अधिकारियों और मेरे सहकर्मियों को बहुत सौहार्दपूर्ण होने की वजह से मैं बिल्कुल परेशान नहीं थी। मैं अपने पहले दिन ड्यूटी पर जाने को लेकर बहुत उत्साहित थी। पृथिका का जन्म चेन्नई में प्रदीप कुमार के रूप में हुआ था। कंप्यूटर में अंडरग्रेजुएशन पूरा करने के बाद उन्होंने यौन परिवर्तन सर्जरी करवा प्रदीप से पृथिका बन गई।
पुलिस सेवा में आने के कारण उसके सामने कई चुनौतियां थीं। उपनिरीक्षक के पद पर पृथिका का आवेदन इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि लिंग को भरने के लिए आवेदन में केवल दो स्तंभ-पुरुष या महिलाएं थीं। जब उसे पता चला कि आवेदन स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि वह ट्रांसजेन्डर है तो, उसने उच्च न्यायालय में अपील की। कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने पिछले साल फरवरी में नियुक्ति का आदेश दिया गया था।