उन्होंने सवाल उठाया कि क्या जयललिता नास्तिक थी जो उन्हें दफनाया गया। उनके अनुसार जया के अंतिम संस्कार से उन लोगों को दूर रखा गया। बता दें कि जयललिता को निधन के बाद द्रविड़ परंपरा के अनुसार दफनाया गया क्योंकि द्रविड़ आंदोलन की पहचान नास्तिकता थी और दफनाए गए ज्यादातर नेता मसलर अन्ना दुराई और एमजीआर आदि घोषित तौर पर नास्तिक थे।
पूरा कर्मकांड वहां के मुख्य पुजारी नंगनाथ लंगर ने करवाया। पुजारी के अनुसार दाह संस्कार के बाद अब भी कई कर्म हैं जो बचे हैं और उन्हें अगले पांच दिनों में पूरा किया जाएगा। अम्मा के दाह संस्कार में उनके सौतेले भाई वरदराजू के अलावा अन्य कई रिश्तेदार शामिल थे।
1 2