उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के प्रयासों की सराहना करते हुऐ कहा कि राजनाथ सिंह का दो बार कश्मीर जाना और प्रधानमंत्री का दो बार विपक्षी दलों से मुलाक़ात करना इस बात का संकेत देते हैं कि केंद्र कश्मीर के मामले को लेकर गंभीर है लेकिन बावजूद इसके अलगाववादियों के अड़ियल रवैये के कारण कश्मीर में शांन्ति बहाली में अड़चने आ रही हैं।
उन्होंने कहा कि अब जरूरत इस बात की है कि जिस तरह तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने बांग्लादेश की आजादी के लिये खुला सर्मथन दिया था उसी तरह वर्तमान सरकार को बलूचिस्तान की आजादी के लिये कदम उठाना चाहिये।