अनार के बागान में एक समय पर लगने वाले नर व मादा फूलों के परागों को उसी समय परस्पर फैलानेभर से यह कामयाब होने लगी है। बारामती केवीके ने आसपास के लोगों को मधुमक्खियों के पालन में लगा दिया है, जिससे युवाओं को खूब काम भी मिला है। शहद से ज्यादा फायदा फसलों की पैदावार बढाने से हो रहा है। कृषि मंत्रालय के अधीन केवीके बारामती और क्रॉप लाइफ इंडिया ने अब इस अभियान को पूरे महाराष्ट्र में चलाने का फैसला किया है।

क्रॉप लाइफ इंडिया के डॉक्टर राजवीर राठी और डॉक्टर विपिन सैनी ने बताया कि कृषि व बागवानी की कुल 35 फीसद से अधिक फसलें परागीकरण वाली होती हैं, जिसमें मधुमक्खियों के प्रयोग से उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिल सकती है। साथ ही उन्होंने बताया कि मधुमक्खी की सबसे बड़ी आबादी भारत में है।

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