दोस्ती निभाने में मुलायम सिंह का कोई जवाब नहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन बताते हैं, ‘मुझे यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है कि वे यारों के यार हैं। ऐसे यार, जो रिश्तों में कभी सियासत को नहीं आने देते और लाभ का मौका होने पर भी कभी घटिया सियासत नहीं करते। लाल जी टंडन के जन्मदिन पर कुछ लोगों ने साड़ी वितरण का कार्यक्रम रखा था। भीड़ के कारण उसमें दुखद हादसा हो गया। मुलायम उस समय मुख्यमंत्री थे। चुनाव भी नजदीक था और लाल जी प्रतिपक्ष के नेता थे। तमाम लोगों ने इसे सियासी रंग देने की कोशिश की। मुलायम सिंह बाहर थे। सूचना मिलते ही वह लखनऊ आए और सीधे हमारे घर पहुंचे। ऐलान किया कि यह सिर्फ हादसा है, हादसे के अलावा और कुछ नहीं।’