ऐसा कहा जाता है कि हर साल उर्स के मौके पर देश के अलग-अलग भागों से किन्नर यहां आकर सिर झुकाते हैं। दरगाह शरीफ की ऐसी मान्यता है कि यहां जो भी आता है वो खाली हाथ नहीं लौटता। ख्वाजा के इस शहर में मीरां सैयद हुसैन खिंहगसवार की एक दरगाह है जहां करिश्माई लाल बूंदी का पेड़ है। इस दरगाह की ऐसी मान्यता है कि जो लोग ख्वाजा मोईनुद्दीन चिस्ती की दरगाह पर जाते हैं, वह तारागढ़ पहाड़ पर मौजूद इस दरगाह में आकर जरूर सिर झुकाते हैं।
इस पेड़ के बारे में कहा जाता है कि जो इसके फल को खाता है वह बेऔलाद नहीं रहता। लोगों के अनुसार एक बार एक किन्नर ने इस पेड़ के फल को खा लिया और फिर चमत्कार हो गया। किन्नर गर्भवती हुई और उसने एक लड़के को जन्म दिया।
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